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الأربعاء، 20 سبتمبر 2023

नई संसद: नई संसद. फोटो और वीडियो में देखें नए संसद भवन की खूबियां

 नई संसद: नई संसद. फोटो और वीडियो में देखें नए संसद भवन की खूबियां

नई संसद: नई संसद की तस्वीरें: सोमवार को पुरानी संसद में संसदीय कार्यवाही का आखिरी दिन था। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी. भवन में अपने आखिरी भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि देश को एक बार फिर 75 साल की संसदीय यात्रा को याद करना चाहिए और नए घर में जाने से पहले इतिहास के उन प्रेरक क्षणों और महत्वपूर्ण क्षणों को याद करके भविष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए।

नए संसद भवन में 6 प्रवेश द्वार

भारत के नए संसद भवन में छह प्रवेश द्वार हैं।

भारत के नये संसद भवन के सभी प्रवेश द्वारों पर लगी भव्य जानवरों की मूर्तियाँ हमें बहुत कुछ बताती हैं। संसद के छह प्रवेश द्वारों पर, विभिन्न शुभ जानवरों के साथ-साथ पौराणिक प्राणियों की मूर्तियाँ "द्वारपाल" के रूप में रखी गई हैं। प्रवेश द्वार पर मूर्तियों में ईगल, गज (हाथी), अश्व (घोड़ा), मगरमच्छ, हंस और शार्दुला (पौराणिक प्राणी) शामिल हैं। कहा जाता है कि हर जानवर प्रकृति और उसके विभिन्न रूपों का प्रतीक है।


विशेष सत्र की कार्यवाही मंगलवार, 19 सितंबर को नए संसद भवन में शुरू होने वाली है। इस इमारत में प्रवेश के लिए 6 दरवाजे लगाए गए हैं। पहले तीन द्वारों पर घोड़े, गज और चील की मूर्तियाँ हैं। इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार जैसे विशेष नाम दिये गये हैं। आइए जानें कि इन 6 प्रवेश द्वारों में राजसी जानवरों की छवियां क्या दर्शाती हैं और वे क्या संकेत देती हैं।

New Parliament Images

नई संसद
गरुड़ - शार्दुल : - गरुड़ को दैवीय शक्तियों और सत्ता का प्रतीक माना जाता है। भगवत गीता में कहा गया है कि संपूर्ण जगत भगवान विष्णु में ही समाहित है। सुनहरे रंग का यह विशाल पक्षी भी यही बताता है। दरअसल शार्दुल और गरुड़ को आकाश का प्रतीक माना जाता है।
सिंह:- सिंह को देवी दुर्गा का वाहन कहा जाता है और सिंह को भय, साहस और विजय का प्रतीक माना जाता है।
हंस :- हंस भारतीय संस्कृति में समर्पित प्रेम का प्रतीक है। शास्त्रों में वर्णित हंस-हंसनी की प्रेम कहानियों से आज आधुनिक विज्ञान भी सहमत है। ऐसा कहा जाता है कि हंस केवल एक बार ही संभोग करते हैं। यदि उनमें से एक की मृत्यु हो जाती है, तो दूसरा उसके प्यार में अपना पूरा जीवन बिता देता है।
मगरमच्छ:- मगरमच्छ को देवी गंगा का वाहन माना जाता है और यह जलीय जीवों में सबसे शक्तिशाली और तेज़ जानवर माना जाता है। अर्थात मगरमच्छ जल का राजा है।
घोड़ा:- घोड़े को शक्ति, गति और साहस का प्रतीक माना जाता है।
हाथी:- हाथियों को बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है और ये अपनी याददाश्त और बुद्धिमत्ता के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं।
एक नई संसद आम तौर पर किसी देश या क्षेत्र के विधायी निकाय को संदर्भित करती है जो हाल ही में निर्वाचित या बुलाई गई है। संसदें लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करने, कानून बनाने और सरकार की देखरेख करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब एक नई संसद का गठन होता है, तो यह अक्सर आम चुनाव या किसी अन्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करती है, जैसे देश के संविधान और कानूनों के आधार पर नियुक्ति या चयन।

नई संसद के प्रमुख पहलुओं में शामिल हो सकते हैं:

चुनाव: कई लोकतांत्रिक देशों में, संसद सदस्यों का चुनाव योग्य मतदाताओं द्वारा नियमित अंतराल में (उदाहरण के लिए, हर कुछ वर्षों में) किया जाता है। इन चुनावों के दौरान नए सदस्यों को चुना जाता है।

उद्घाटन: एक बार निर्वाचित होने के बाद, संसद सदस्यों का आम तौर पर उद्घाटन या शपथ दिलाई जाती है। यह कार्यालय में उनके कार्यकाल की शुरुआत का प्रतीक है।

नेतृत्व: संसदें अक्सर अध्यक्ष या संसद के अध्यक्ष जैसे नेतृत्व पदों का चयन करती हैं जो सत्र की अध्यक्षता करते हैं और व्यवस्थित कार्यवाही सुनिश्चित करते हैं।

विधान बनाना: संसद का प्राथमिक कार्य कानून पारित करना है। एक नई संसद नए कानून पेश कर सकती है, बहस कर सकती है और पारित कर सकती है या मौजूदा कानूनों की समीक्षा कर सकती है।

निगरानी: सरकार के कार्यों और व्ययों की निगरानी करना संसदों की जिम्मेदारी है। सरकार को जवाबदेह बनाए रखने के लिए समितियों और संसदीय सत्रों का उपयोग किया जाता है।

प्रतिनिधित्व: संसद सदस्य (सांसद) अपने मतदाताओं के हितों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि विधायी प्रक्रिया में उनकी आवाज़ सुनी जाती है।

राजनीतिक दल: संसद में अक्सर विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य होते हैं। संसद की संरचना इसकी नीतियों और निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।

नई संसद बनाने की विशिष्ट प्रक्रिया उसके संविधान और कानूनी ढांचे के आधार पर एक देश से दूसरे देश में व्यापक रूप से भिन्न हो सकती है। 

नई संसद के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नई संसद क्या है?

नई संसद किसी देश या क्षेत्र के विधायी निकाय को संदर्भित करती है जिसे हाल ही में चुना या बुलाया गया है। यह आमतौर पर आम चुनाव या किसी अन्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करता है, और इसके सदस्य एक निर्दिष्ट अवधि के लिए कार्य करते हैं।
नई संसदें कितनी बार बनती हैं?

नई संसदों की आवृत्ति देश के अनुसार अलग-अलग होती है। कई लोकतंत्रों में, नई संसदों का गठन नियमित अंतरालों, जैसे कि हर कुछ वर्षों में होने वाले चुनावों के माध्यम से किया जाता है।
नई संसद की क्या भूमिका है?

संसद की प्राथमिक भूमिका लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करना, कानून बनाना और सरकार की देखरेख करना है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नई संसद के सदस्यों को कैसे चुना जाता है?

नई संसद के सदस्यों को आम तौर पर आम चुनाव जैसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है। विशिष्ट विधि देश के अनुसार अलग-अलग हो सकती है, जिसमें फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट, आनुपातिक प्रतिनिधित्व या अन्य जैसी प्रणालियाँ शामिल हैं।
नई संसद के उद्घाटन के दौरान क्या होता है?

उद्घाटन के दौरान, संसद के नवनिर्वाचित या नियुक्त सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है। यह समारोह कार्यालय में उनके कार्यकाल की शुरुआत का प्रतीक है।
नई संसद का नेतृत्व कौन करता है?

संसदों में अक्सर एक अध्यक्ष या राष्ट्रपति होता है जो सत्र की अध्यक्षता करता है और व्यवस्थित कार्यवाही सुनिश्चित करता है। विशिष्ट शीर्षक और भूमिका देश के अनुसार भिन्न हो सकती है।
नई संसद का विधायी कार्य क्या है?

संसद का एक मुख्य कार्य कानून पारित करना है। सदस्य नए कानून बनाने या मौजूदा कानूनों में संशोधन करने के लिए विधेयक पेश करते हैं, बहस करते हैं और उन पर मतदान करते हैं।
नई संसद सरकार की देखरेख कैसे करती है?

संसदें संसदीय समितियों, प्रश्नोत्तरी सत्रों और बहसों सहित विभिन्न माध्यमों से सरकार की निगरानी करती हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि सरकार को उसके कार्यों और व्ययों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।
नई संसद में राजनीतिक दल कैसे शामिल होते हैं?

कई संसदों में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल होते हैं। संसद की संरचना इसकी नीतियों और निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि पार्टियों की अक्सर अलग-अलग विचारधाराएं और मंच होते हैं।
क्या नई संसद मौजूदा कानूनों को बदल सकती है?

हां, नई संसद के पास विधायी प्रक्रिया के माध्यम से मौजूदा कानूनों को बदलने या संशोधित करने का अधिकार है। यह उसे बदलती परिस्थितियों के अनुकूल ढलने और समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने की अनुमति देता है।

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